*सरदार पटेल:एकीकरण के शिल्पी*  नामक डिजिटल प्रदर्शनी का आयोजन

 

भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति में अनेक महानायकों ने बहुमूल्य योगदान दिया। स्वतंत्र भारत को अखंड भारत में बदलने के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल का योगदान अविस्मरणीय है।उनके जन्मदिन (31अक्तूबर)को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।उनके सारे जीवन तथा आज़ादी प्राप्ति से लेकर भारत की एकता और अखंडता को बनाये रखने के लिए उनके द्वारा किए गए अनथक प्रयासों को दर्शाती डिजिटल प्रदर्शनी का आयोजन प्रताप कालेज आफ ऐजुकेशन,लुधियाना में किया गया।

    अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद(ए आई सी टी ई) तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू जी सी ) के संयुक्त तत्वावधान में इंदिरा गांधी नैशनल सैंटर फार द आर्ट्स तथा इंडियन काऊंसिल आफ हिस्टोरिकल रिसर्च द्वारा तैयार की गई इस डिजिटल प्रदर्शनी  के माध्यम से सरदार वल्लभ भाई पटेल के समग्र जीवन पर उनकी बाल्यकाल से लेकर मृत्युपर्यन्त तक की तस्वीरों के द्वारा विस्तार सहित प्रकाश डाला गया है।

    *सरदार पटेल:एकीकरण के शिल्पी* नामक इस डिजिटल प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य अखंड भारत के लिए सरदार पटेल द्वारा जीवनपर्यन्त किये गये प्रयासों से आमजनों को परिचित करवाना है।उनके सद्प्रयासों से ही स्वतंत्र भारत अखंड भारत के रूप में सामने आया।विभिन्न रियासतों के प्रमुखों को विलय के लिए मनाने में उनका योगदान अतुलनीय है।अखंड भारत के समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए सहमत करने में सरदार वल्लभ भाई ने अहम भूमिका निभाई।

       कालेज प्रिंसिपल डा. *मनप्रीत कौर* ने यू जी सी द्वारा ऐसे कार्यक्रम आयोजित करवाने के विचार का स्वागत किया।उन्होंने इसे एक प्रेरणादायक प्रदर्शनी बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजनो से देश के युवा वर्ग के साथ साथ आम जनता भी स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास से परिचित होगी तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद किन हालातों से दो चार होकर हमारे महानायक अखंड भारत का नक्शा बनाने में सफल रहे, यह जानकारी प्राप्त करके स्वत्रंता की सुरक्षा के लिए जागरूक होंगे।कालेज के भावी शिक्षकों ने पोस्टर बनाकर, भाषण देकर तथा कविता पढ़कर सरदार वल्लभ भाई पटेल के लिए अपनी भावाभिव्यक्ति की।

      इस डिजिटल प्रदर्शनी का सफलतापूर्वक आयोजन करने में सहायक रही कालेज की सहायक शिक्षिका श्रीमती *पूनम बाला* ने सभी साथी शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में राष्ट्रीयता की भावना का विकास करने तथा  देश की उन्नति के लिए सद्कर्मों   द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।

   अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।